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Personality tricks in hindi 2018

व्यक्ती-महत्व विकास  Personalty Tricks

          पर्सनालिटी अगर अच्छी हो तो सभी लोग आपकी तारीफ करते है सराहते है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट का मुख्य मकसद ही आपको दूसरों की नज़रों में लाना है। खुद को सही रीति से पेश करना पर्सनालिटी डेवलपमेंट का एक हिस्सा है। जिसमे सेल्फ कॉन्फिडेंस का बहुत बड़ा हाँथ होता है। इसके अलावा भी कई ऐसी बातें है जो पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए जरुरी है जो इस प्रकार है।

अच्छे कपड़ो का चयन

      अक्सर होता यूँ है की जब आप किसी कंपनी में होते है तो उस कंपनी का अपना ड्रेस कोड होता है। कुछ लोग फोर्मल्स पर ज्यादा जोर देते है और कुछ इंडस्ट्री कज्युएल पर जोर देती है। जब भी आप किसी कंपनी के साथ जुड़ते है तो आपको वहां के नियम अनुसार कपड़ों का चयन करना होता है। साथ ही कलर कॉम्बिनेशन, टाई, बेल्ट, शूज़, नैपकिन (रुमाल) आदि का चयन शामिल होता है।
Personality tricks

चलने का तरीका

     जब भी आप ऑफिस या किसी होटल या रोड पर चलते है तो आपको आपनी चल पर विशेष ध्यान देना होता है। चलते वक़्त तेज़ चलना, सीधा देखना और लोगों को ग्रीट करना अच्छा आचरण मन जाता है। कई लोग चलते चलते पीछे बात करते है और किसी से टकरा जाते है, साथ ही चलते चलते लोगों को क्रॉस करते है। यह सभी बातें आपके आचरण को गलत साबित करती है। इसलिए जब भी आपको चलते वक़्त कॉंफिडेंट, सीधा देखना और लोगों को चलते वक़्त सम्मान देना अच्छा होता है।

हाव- भाव

     जब भी आप ऑफिस या पर्सनल जिंदगी में किसी से मिलते है तो आपके हाव- भाव सही रहना जरुरी है। ख़ास तौर पर यह बात उन लोगों पर साबित होती है जिनके नीचे कई लोग काम करते है, क्यूंकि आपने जूनियर्स से काम करवाने के लिए आपने हाव भाव का सही होना जरुरी है क्यूंकि लोग आपका काम तो कर देते है लेकिन वो काम उपरी मन से करते है इसलिए आपका हव भाव इस तरह होना चाहिये की लोग आपको अपना मान कर काम कर सकें।

मोटिवेशनल स्पीच

     जब भी मोटिवेशन की बात आई है, तो हम जिस तरह से भी मोटीवेट हो सकते है उस बात पर अनुसरण करना चाहिये। जैसे अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में जो भी आपके हीरो है और ख़ास तौर से वो जो लोगो को इंस्पायर करते है उन्हें सुनना चाहिये। इससे आपको आपके कार्य करने में मदद मिल सकेगी।

कॉम्पलिमेंट-प्रशंसा करना(Compliment)

     जब भी आप किसी में भी कोई भी बात अच्छी देखे तो उनकी प्रशंसा करें। आम तौर पर होता यह है की जब कोई काम अच्छा हो जाता है तो कई लोग उसका क्षेय खुद पर और जब कोई काम गलत होता है तो वो काम की जिम्मेदारी वर्कर्स पर डाल देते है। साथ ही कॉम्पलिमेंट का मतलब यह भी होता है की जब आप आने कार्य करने वालों के साथ रहते है तो आप एक दुसरे कि अच्छी बातों की तारीफ करें। यह बिज़नस बढ़ने का एक अच्छा तरीका है।

सामने बैठे

  अक्सर हम देखते है की ऑफिस में या कॉलेज में कोई मीटिंग के दौरान कुछ लोग पीछे बैठना पसंद करते है। इसके पीछे कोई भी कारन हो सकता है। लेकिन हमे कोशिश यह करनी चाहिये की हम आगे बैठे और जो भी लो कह रहे है उसे ध्यान से सुने और आपने कार्यों में अमल करें। इससे आपका और आपके सीनियर के बीच कम्युनिकेशन का बांड स्थापित हो जाता है।

स्पीक अप (बोलना)

   कई लोग कितनी भी बुरी परिस्तिथि क्यूँ न आ जाये लेकिन कुछ बोलते नहीं है। इसा सीधा सीधा कारन डर होता है। लेकिन जब भी आप किसी ऑफिस में काम करते है या घर या स्कूल में पढाई करते है यह आपका आधिकार होता है की आप उन सब बारे में जाने जो आपके पढाई या कार्य से सम्बंधित है। यह आपका अधिकार है, इससे आपको आपके कार्य में गति मिलती है।

कॉन्ट्रिब्यूशन (योगदान) पर जोर(Contribution)

      अगर आप किसी कंपनी या स्कूल में हो तो आपको ग्रुप्स में काम करने का अनुभव दिया जाता है। यह अनुभव इसलिए दिया जाता है ताकि आप आपने कार्य क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें। आपको एक दुसरे के लिए योगदान देना होता है, कोई लिखता है, तो कोई उसे जांचता है, तो कोई उसे एडिट कर फाइनल कॉपी बनता है। यह एक ग्रुप वर्क है जो हर कॉर्पोरेट में चलाया जाता है।

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